देखिये जब भी हम Online पैसा Transfer करते हैं तो पहले NEFT, RTGS, IMPS का यूज करते थे, लेकिन इनमे क्या Different है और इनमे क्या कमी थी कि UPI आया और UPI इतना Popular हुआ की पुरे World में इस Payment Method इतना चर्चा होने लगा है, चाहे इंडिया के No. 1 आना हो Digital Transaction में, या डिजिटल इंडिया को आगे बढाने के मुहीम में,
RTGS: इसका Full Form Real-Time Gross Settlement होती है, RTGS 2004 में RBI के द्वारा लाया गया, इस Payment Method में कम से कम 2 लाख का लेन-देन कर सकते हैं और इसमें प्रत्येक Transaction में कुछ % का चार्ज देना होता है, और RBI जल्द Realize हो गया कि 2 लाख से कम वालो के लिए कोई Payment Method लाना होगा, तब NEFT लाया गया।
NEFT: इसका Full Form National Electronics Fund Transfer है, यह Payment Method RBI ने 2005 में लाया, इसमें RBI ने कहा इस Payment Method में कोई लिमिट नहीं है, इसलिए आपको जितना पैसा Transfer करना है कर सकते हो, अगर आपको 1 रूपये भी Transfer करना है तो कर सकते हो। इसमें Real Time पैसा Transfer नहीं होती है, इसलिए आप जब भी NEFT करते हैं तो 30 मिनट बाद Account में पैसे पहुचता है, और इसमे भी प्रत्येक Transaction कुछ % का चार्ज देना होता है। लेकिन ये Payment Method इतना आसान नहीं था, इसलिए RBI ने इसके बाद IMPS Payment Method को लाया।
IMPS: इसका Full Form Immediate Payment Service है, इसे RBI ने 2010 में लाया था, अब इसके माध्यम से आप अपने मोबाइल से आप Real Time में Immediate पैसे को Transfer कर सकते थे, इसमें पहले 2 लाख से कम Payment कर सकते थे, लेकिन अब इसका लिमिट 5 लाख से कम और Immediate Transfer कर सकते हैं, इसको यूज करने के लिए MMID तथा आपका मोबाइल फ़ोन और Bank Linked सिम की जरुरत होती थी, जिसे Account Linked Mobile Number के Base पर आपको Verification किया जाता है, इसमे भी प्रत्येक Transaction कुछ % का चार्ज देना होता है।
UPI (Unified Payment Interface) को 2016 में NPCI के द्वारा लाया गया था, और UPI को Basically Raghuram Ranjan और Dilip Asbe लाये थे, इसलिए इसे UPI का Brain Chain कहा जाता है, और UPI IMPS का Advanced Version है, क्योंकि जिस Architecture पर IMPS काम करती है उसी Architecture पर UPI भी काम करती है, बस UPI ने क्या किया? इसने पैसा Transfer करने के लिए जो A/N. और IFSC Code शेयर करना पड़ता था, उसकी जगह पर एक VPA (Virtual Payment Address) को Introduce कर दिया, जिससे अब आप किसी को बिना Personal Details शेयर किये हुए VPA के माध्यम से Online लेन-देन कर सकते हो, जिसे UPI Id कहते हैं, और इससे पहले किसी से आप Payment Request नहीं कर सकते थे लेकिन अब UPI Id के माध्यम से आप किसी से भी Payment Request कर सकते हैं और वो उस Request को Approve कर देता है तो आपको पैसे मिल जाता है।
UPI Popular होने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है इसका 0% चार्ज Policy, क्योंकि आज से जितने भी Online Payment Method हैं जैसे- NEFT, RTGS, IMPS इसमे प्रत्येक Transaction में कुछ % का चार्ज देना होता है, लेकिन हमारी सरकार ने UPI में 0% चार्ज Policy लागु कर दिया है।
पहले UPI केवल Debit Card से लिंक होता था, लेकिन अब UPI में कुछ RuPay Credit Card से लिंक किया जा सकता है, ताकि हम क्रेडिट कार्ड से भी UPI के माध्यम से Direct Payment कर सकें।
क्रेडिट कार्ड को UPI से लिंक करने के क्या फायदे हैं।
क्रेडिट कार्ड को UPI से लिंक करने के कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह आपको अपने Physical Cards और Cash ले जाने की जरूरत नहीं है। दूसरा, यह आपको Payment करने का अधिक सुविधाजनक तरीका प्रदान करता है। तीसरा, यह आपको अपना क्रेडिट स्कोर सुधारने में मदद कर सकता है।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है कि आपको ये RTGS, NEFT, IMPS और UPI के बारे में कुछ जानकारी देने की कोशिश किया हूँ, जो यह जानकारी पसंद आया होगा और अगर पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के लोगो के साथ जरूर साझा (Share) करेंगे।
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