जब हम कोई मोबाइल या कंप्यूटर को खरीदने के समय डिस्प्ले के बारे में जानते हैं तो उसमे एक रिफ्रेश रेट का फीचर्स होती है और यह Refresh Rate Hz (हटर्ज) में होती है जैसे - 60Hz, 90Hz, 120Hz
आपके मन में ये जरुर आया होगा कि डिस्प्ले में रिफ्रेश रेट क्या होती है? और ये कैसे काम करती है और हमारे लिए कितने Hz की रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले बेहतर होगी..
किसी भी डिस्प्ले के एक सकेंड में जितनी बार उस डिस्प्ले की स्क्रीन रिफ्रेश होती है उसे स्क्रीन रिफ्रेश रेट कहते हैं. जिस डिस्प्ले में जितना ज्यादा रिफ्रेश रेट होती है वह डिस्प्ले उतना ही स्मूथ चलती है और इसे Hz में मापते है।
जैसे की हम जानते है कि Refresh का अर्थ होता है ताजा या नया होना है, Rate का अर्थ दर या स्पीड अर्थात, जब हमारी डिस्प्ले में एक सकेंड में जितनी स्पीड से या जितनी बार हमारी डिस्प्ले का Pixel चेंज होती है उसे Screen Refresh Rate कहते हैं ..
जैसे हमारी डिस्प्ले की स्क्रीन एक सकेंड में 60 बार रिफ्रेश होती है तो यह डिस्प्ले 60Hz रिफ्रेश रेट वाली स्क्रीन होगी..
Refresh Rate कैसे काम करती है?
रिफ्रेश रेट हमारी स्क्रीन पर सीधी तरीके से काम नहीं करती है इसके लिए हमारी स्क्रीन को instruction की जरुरी होती है जो इसे CPU या प्रोसेसर से प्रोसेस करता है कि एक सकेंड में कितनी फ्रेम में और कितनी बार चलाना है उसके बाद यह निर्देश स्क्रीन को भेजता है और स्क्रीन में जितनी क्षमता होती है वह उसके अनुसार उस फ्रेम को एक सकेंड में उतने बार रिफ्रेश कर देती है जिससे आप स्क्रीन में देख पाते हो इसी तरह से डिस्प्ले में Screen Refresh Rate काम करती है..
Refresh Rate का फायदे क्या होती है?
डिस्प्ले में स्क्रीन रिफ्रेश रेट का कुछ निम्न फायदे होती है जैसे-
- स्क्रीन स्मूथ चलती है.
- स्क्रीन में फ्रेम अटकते हुए प्रतीत नहीं होती है.
- User Excrescence बढ़ जाती है.
- स्क्रीन की क्वालिटी साफ और क्लीन होती है.
- कोई भी गेम खेलने में स्क्रीन लेग नहीं होती है.
Refresh Rate के नुक्सान क्या होती है?
- हाई रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले होने से आपके मोबाइल या लैपटॉप का बैटरी ज्यादा खपत होती होती है, क्योंकि स्क्रीन में प्रति सकेंड ज्यादा फ्रेम चलाती है तो उस स्क्रीन पर पॉवर की ज्यादा जरुरत होती है जिससे बैटरी बैकअप कम मिलती है.
- और दूसरी, डिस्प्ले या स्क्रीन का कीमत भी बढ़ जाती है..
हमारे लिए कितने Refresh Rate वाली डिस्प्ले बेहतर होगी
वैसे तो सभी स्क्रीन रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले अच्छी होती है, लेकिन हमें यह देखना है कि हमारा यूज़ किस तरह का है उसी पर निर्भर करता है, अगर यदि हमें नॉर्मल उपयोग के लिए एक फ़ोन लेना है तो कम ही रिफ्रेश रेट का डिस्प्ले वाला फ़ोन लेना एक अच्छा विचार है, जैसे- 60Hz
यदि हमें ज्यादा Use जैसे विडियो Editing या गेमिंग करना है तो ज्यादा स्क्रीन रिफ्रेश रेट जरुरत होगी. जैसे- 90Hz, 120Hz
60Hz, 90Hz, और 120Hz Display में क्या अंतर होती है?
जैसे की हम बताये हैं कि रिफ्रेश रेट क्या है और कैसे काम करती है उसी तरह 60Hz में की स्क्रीन एक सकेंड में 60 बार रिफ्रेश होती है और 60Hz की रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले को हम डेली लाइफ में नॉर्मल यूज़ के लिए बेहतर होगी।
उसी तरह, 90Hz में की स्क्रीन एक सकेंड में 90 बार रिफ्रेश होती है यह 60Hz से ज्यादा स्मूथ चलती है और 90Hz की रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले को हम हाई लेवल का तो नहीं लेकिन नॉर्मल तरीके से गेमिंग कर सकते हैं, यदि हाई लेवल पर गेमिंग करेगें तो स्क्रीन लेग कर सकती है।
उसी तरह, 120Hz में की स्क्रीन एक सकेंड में 120 बार रिफ्रेश होती है यह 60Hz और 90Hz से ज्यादा स्मूथ चलती है, लेकिन इसमें पॉवर का ज्यादा खपत होती है जिससे बैटरी बैकअप कम मिलती है और 120Hz वाली डिस्प्ले में हाई लेवल गेमिंग या विडियो एडिटिंग कर सकते हैं।
Last Words:)
मुझे उम्मीद है कि आपको स्क्रीन रिफ्रेश रेट क्या है और यह कैसे काम करती है, यह समझ आ गया होगा और जिससे यह आर्टिकल आपको पसंद भी आया होगा, अगर आया है तो अपने दोस्तों और परिवार के लोगो के साथ जरूर साझा (Share) करें।
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